Wednesday, October 9, 2013

राजेन्द्र यादव बोले तो साहित्य का आसाराम !

जाने माने साहित्यकार राजेन्द्र यादव के बारे में जो खबरें आ रही हैं, वो बहुत घिनौनी है। मैं ज्योति को नही जानता, लेकिन कहा जा रहा है कि ज्योति राजेन्द्र जी की सहयोगी थी, जिसे राजेन्द्र यादव बेटी की तरह स्नेह करते थे, फिर भी ज्योति का एक वीडियो बन गया, इस वीडियो को लेकर राजेन्द्र का एक अन्य सहयोगी ज्योति को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर  रहा था। वैसे ये वीडियो कहां बना, किसने बनाया, वीडियो में क्या है, वीडियो में ज्योति भर है या राजेन्द्र यादव भी हैं, किसी को कुछ नहीं पता। 

मैं हैरान इस बात पर हूं कि राजेन्द्र यादव के घर पर उनकी मौजूदगी में वीडियो की बात हो रही थी, झगड़ा झंझट सब उनकी आंखो के सामने होता रहा, ज्योति के साथ गाली गलौज हो रही थी, लेकिन साहित्यकार राजेन्द्र जी शराब पीते रहे। राजेन्द्र जी जिसे अपनी बेटी कहते हैं, उसे बचाने के लिए एक शब्द नहीं बोले। बहरहाल इसके बाद जो हुआ वो तो शर्म से डूब मरने की बात थी। ज्योति ने 100 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया, पुलिस राजेन्द्र जी के घर से उनके दूसरे सहयोगी को साथ ले गई। अब मामला न्यायालय में है, वहां सभी  के अभियोग तय होंगे। सच क्या है और गलत क्या है, ये तो जब तय होगा तब देखा जाएगा, लेकिन राजेन्द्र यादव मेरी नजरों में बहुत नीचे गिर गए। जरूरत इस बात की है कि  साहित्य का ये आसाराम आत्मचिंतन करे और पूरे मामले में खुद ही अपनी सफाई दें। 

ऐसा नहीं है कि राजेन्द्र यादव के घर हुई इस घटना की जानकारी अखबारों और चैनलों को नहीं है। सब को हर बात पता है। वैसे भी अब इस मामले में बकायदा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी साहित्य के आसाराम पर किसी चैनल ने चर्चा नहीं की। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर भी चर्चा होनी चाहिए। युवा लेखक और लेखिकाएं राजेन्द्र जी की प्रशंसक है, महिलाएं एक भरोसे से राजेन्द्र जी के पास आती हैं, अगर साहित्य की आड़ में कुछ ऐसा वैसा हो रहा है, तो ये गंभीर मामला है और इस पर भी बहस होनी चाहिए। 



ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये लिंक...




8 comments:

  1. ऐसा कुछ हुआ ...इस बात का पता ही नहीं चला ...चलिए ब्लॉग को पढ़ने से नई बाते ज्ञान को बढ़ाती तो हैं ....आभार आपका इस घटना को साँझा करने के लिए

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  2. सहमत हूँ.! इस पर खुली बहस होनी चाहिए...!
    नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!

    RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

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  3. जानकारी तो मिली आपके जरिये !

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  4. महेन्द्र जी .नमस्कार !
    इस पोस्ट के लेखक आप थे ..इस लिए पढ़ लिया वर्ना ऐसी पोस्ट .ऐसी ख़बरों पर कान भी नही धर्ता ....अब इस पे कोई क्या टिप्पणी कर सकता है ..घिन आती है जब इतने पवित्र रिश्ते भी कलंकित होते है ......दुखदाई !

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