Monday, April 29, 2013

नहीं नहीं ! बड़ी बेटी को कैसे मार दूं ?

एक स्त्री एक दिन एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ के
पास के गई और बोली,
" डाक्टर मैँ एक गंभीर समस्या मेँ हुँ और मेँ आपकी मदद चाहती हुँ । मैं गर्भवती हूँ,
आप किसी को बताइयेगा नही मैने एक जान पहचान के सोनोग्राफी लैब से यह जान लिया है
कि मेरे गर्भ में एक बच्ची है । मै पहले से
एक बेटी की माँ हूँ और मैं किसी भी दशा मे
दो बेटियाँ नहीं चाहती ।"

डाक्टर ने कहा ,"ठीक है, तो मेँ आपकी क्या सहायता कर सकता हु ?"
तो वो स्त्री बोली," मैँ यह चाहती हू कि इस
गर्भ को गिराने मेँ मेरी मदद करें ।"

डाक्टर अनुभवी और समझदार था।
थोडा सोचा और फिर बोला,"मुझे लगता है कि मेरे पास एक और सरल रास्ता है जो आपकी मुश्किल को हल कर देगा।"

वो स्त्री बहुत खुश हुई..
डाक्टर आगे बोला, " हम एक काम करते है
आप दो बेटियां नही चाहती ना ?? ?
तो पहली बेटी को मार देते है जिससे आप इस अजन्मी बच्ची को जन्म दे सके और
आपकी समस्या का हल भी हो जाएगा. वैसे भी हमको एक बच्ची को मारना है तो पहले वाली को ही मार देते है ना.?"

तो वो स्त्री तुरंत बोली"ना ना डाक्टर.".!!!
हत्या करना गुनाह है पाप है और वैसे भी मैं अपनी बेटी को बहुत चाहती हूँ । उसको खरोंच भी आती है तो दर्द का अहसास मुझे होता है

डाक्टर तुरंत बोला, "पहले
कि हत्या करो या अभी जो जन्मा नही उसकी हत्या करो दोनो गुनाह
है पाप हैं ।"

यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए घर चली गई।  



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Saturday, April 27, 2013

गांव गया था, गांव से भागा !

अच्छा एक बात बताइये, आप वाकई कुछ अच्छा पढ़ने के मूड मे हैं। अगर हैं तो तीन मिनट का समय देना होगा आपको। आपको आज अपने दोस्तों की गैरजरूरी रचना पर वाह वाह करके उन्हें ओबलाइज करने के बजाए इस रचना की खुलकर सराहना करनी होगी। माफ कीजिएगा, ये मेरी रचना नहीं है, मैं तो सिर्फ स्वादिष्ट व्यंजन आपके सामने परोसने की कोशिश कर रहा हूं। आइये स्व. कैलाश गौतम को पूरे मन से पढिए, फिर पूरे दिन आप उनकी इसी रचना को गुनगुनाते रहेंगे। 

गाँव गया था,
गाँव से भागा ।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आँख में बाल देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
सरकारी स्कीम देखकर
बालू में से क्रीम देखकर
देह बनाती टीम देखकर
हवा में उड़ता भीम देखकर
सौ-सौ नीम हक़ीम देखकर
गिरवी राम-रहीम देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
जला हुआ खलिहान देखकर
नेता का दालान देखकर
मुस्काता शैतान देखकर
घिघियाता इंसान देखकर
कहीं नहीं ईमान देखकर
बोझ हुआ मेहमान देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
नए धनी का रंग देखकर
रंग हुआ बदरंग देखकर
बातचीत का ढंग देखकर
कुएँ-कुएँ में भंग देखकर
झूठी शान उमंग देखकर
पुलिस चोर के संग देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
बिना टिकट बारात देखकर
टाट देखकर भात देखकर
वही ढाक के पात देखकर
पोखर में नवजात देखकर
पड़ी पेट पर लात देखकर
मैं अपनी औकात देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
नए नए हथियार देखकर
लहू-लहू त्योहार देखकर
झूठ की जै-जैकार देखकर
सच पर पड़ती मार देखकर
भगतिन का शृंगार देखकर
गिरी व्यास की लार देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

गाँव गया था
गाँव से भागा ।
मुठ्ठी में कानून देखकर
किचकिच दोनों जून देखकर
सिर पर चढ़ा ज़ुनून देखकर
गंजे को नाख़ून देखकर
उज़बक अफ़लातून देखकर
पंडित का सैलून देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा ।

स्व. कैलाश गौतम

Thursday, April 4, 2013

राहुल ये क्या, मां बहुत रोएगी !

मुझे लगता है कि अभी राहुल गांधी को CII जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचना चाहिए। अब देखिए उनके पहले ही सार्वजनिक आयोजन को लोगों ने खारिज कर दिया। फेसबुक पर तो आज राहुल के बारे में पढ़कर लोग मनोरंजन कर रहे हैं, कह रहे हैं आज का दिन तो राहुल ने निकाल दिया, शाम को आईपीएल में मुंबई इंडियन का मैच देखकर बिता लिया जाएगा। सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मैडम अजित गुप्ता जी की .. " पर्चा अर्थशास्त्र का उत्तर समाज शास्त्र का " वैसे मैं भी ये जानना चाहता हूं कि किसकी राय थी कि राहुल को सीआईआई के आयोजन मे जाना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि ये राय देने वाला कम से कम राहुल और कांग्रेस का भला नहीं चाहता।

एक उद्यमी की प्रतिक्रिया थी कि " राहुल के आने के बाद दरवाजे बंद हुए तो मुझे लगा कि ये सुरक्षा कारणों से है, पर बाद में असली वजह समझ में आई, वो ये कि कहीं उद्यमी राहुल का भाषण बीच में छोड़ कर निकल ना जाएं " खैर भगवान बचाए ! बहरहाल राहुल गांधी ने जिस तरह नाक कटाई है, उसके बाद तो सच में किसी भी मां की नींद उड़ जाएगी। अब बड़ा सवाल ये है कि...

आज रात मां कमरे में आएगी या नहीं ?
आई तो रोती ही रहेगी या कुछ बोलेगी भी ?
क्या अभी मां को बेटे से कोई उम्मीद है ?
ऐसा तो नहीं कि मां दिन में ही रो रही हो ?
आखिरी दो सवाल !
CII क्या फिर राहुल को बुलाएगी कभी ?
क्या कांग्रेस को अभी भी उम्मीद है राहुल से ?

आपके जवाब का इंतजार .....