मुझे लगता है कि अभी राहुल गांधी को CII जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचना चाहिए। अब देखिए उनके पहले ही सार्वजनिक आयोजन को लोगों ने खारिज कर दिया। फेसबुक पर तो आज राहुल के बारे में पढ़कर लोग मनोरंजन कर रहे हैं, कह रहे हैं आज का दिन तो राहुल ने निकाल दिया, शाम को आईपीएल में मुंबई इंडियन का मैच देखकर बिता लिया जाएगा। सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मैडम अजित गुप्ता जी की .. " पर्चा अर्थशास्त्र का उत्तर समाज शास्त्र का " वैसे मैं भी ये जानना चाहता हूं कि किसकी राय थी कि राहुल को सीआईआई के आयोजन मे जाना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि ये राय देने वाला कम से कम राहुल और कांग्रेस का भला नहीं चाहता।
एक उद्यमी की प्रतिक्रिया थी कि " राहुल के आने के बाद दरवाजे बंद हुए तो मुझे लगा कि ये सुरक्षा कारणों से है, पर बाद में असली वजह समझ में आई, वो ये कि कहीं उद्यमी राहुल का भाषण बीच में छोड़ कर निकल ना जाएं " खैर भगवान बचाए ! बहरहाल राहुल गांधी ने जिस तरह नाक कटाई है, उसके बाद तो सच में किसी भी मां की नींद उड़ जाएगी। अब बड़ा सवाल ये है कि...
आज रात मां कमरे में आएगी या नहीं ?
आई तो रोती ही रहेगी या कुछ बोलेगी भी ?
क्या अभी मां को बेटे से कोई उम्मीद है ?
ऐसा तो नहीं कि मां दिन में ही रो रही हो ?
आखिरी दो सवाल !
CII क्या फिर राहुल को बुलाएगी कभी ?
क्या कांग्रेस को अभी भी उम्मीद है राहुल से ?
आपके जवाब का इंतजार .....
एक उद्यमी की प्रतिक्रिया थी कि " राहुल के आने के बाद दरवाजे बंद हुए तो मुझे लगा कि ये सुरक्षा कारणों से है, पर बाद में असली वजह समझ में आई, वो ये कि कहीं उद्यमी राहुल का भाषण बीच में छोड़ कर निकल ना जाएं " खैर भगवान बचाए ! बहरहाल राहुल गांधी ने जिस तरह नाक कटाई है, उसके बाद तो सच में किसी भी मां की नींद उड़ जाएगी। अब बड़ा सवाल ये है कि...
आज रात मां कमरे में आएगी या नहीं ?
आई तो रोती ही रहेगी या कुछ बोलेगी भी ?
क्या अभी मां को बेटे से कोई उम्मीद है ?
ऐसा तो नहीं कि मां दिन में ही रो रही हो ?
आखिरी दो सवाल !
CII क्या फिर राहुल को बुलाएगी कभी ?
क्या कांग्रेस को अभी भी उम्मीद है राहुल से ?
आपके जवाब का इंतजार .....
हाहाहहाहाह
ReplyDeleteश्रीवास्तव जी आपके सवाल जायज हैं। जवाब देना तो बनता है।
sir Rahul Gandhi ki NAAK bhi nahi bachi aaj .......aage kya hoga ..?
ReplyDeleteहां ये तो सोचने वाली बात है
Deleteबचकाने कंधों पर
ReplyDeleteपहाड़ सा बोझ
रख ठोड़ी पे हाथ
माँ रही अब सोच .......???
शुभकामनायें !हम सब को ....
जी, ये बात तो सचहै
Deleteमां यही सोच रही होगी...
राहुल का संभाषण किसी को अच्छा नहीं लगता। जिस तेजी से वे सियासी बज्म में प्रासंगिक हुए उतनी ही तेजी से हंसी के पात्र भी बनते जा रहे हैं।- सखाजी
ReplyDeleteजी ये बात तो बिल्कुल सही है....
Deleteआभार
हा हा हा हा हा लाजवाब ! सुन्दर पोस्ट लिखी आपने | पढ़ने पर आनंद की अनुभूति हुई | इसके जैसे आउल बाबाओं को ऐसे की सबक मिलें तो बढ़िया है | आभार |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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अरे हुज़ूर किस गधे की चर्चा में लगे हैं सब... ओह गधा कह गया मैं... गधे का अपमान कर दिया :)
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