मुझे लगता है कि कई मेरी तरह आप भी अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट, बीमा एजेंट पर भरोसा कर लेते होंगे और सादे फार्म पर हस्ताक्षर करके उसे थमा देते होंगे। लेकिन इससे कैसी मुश्किल आती है, ये मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता होगा। मतलब एक छोटी सी गलती को दुरुस्त कराना इस सरकारी सिस्टम में कितना मुश्किल है, ये सुनकर आपके भी कान खड़े हो जाएंगे। गलती ये कि आयकर के PAN कार्ड के लिए मैने सात साल पहले जब आवेदन किया तो फार्म पर हमने हस्ताक्षर पहले कर दिया और मेरे आफिस के ही एकाउंट्स से जुड़े सहकर्मी ने मेरा फार्म भरा। उस बंदे ने पहले तो मेरा mail ID बिना मुझसे पूछे गलत भर दिया, जो अब ठीक हो चुका है। इसके अलावा मेरे नाम Mahendra Kumar Srivastava की स्पेलिंग गलत कर दी। मतलब मैं श्रीवास्तव की स्पेलिंग SRIVASTAVA लिखता हूं, उसने फार्म में SHRIVASTAVA लिख दिया। अंतर ये कि उसने बेवजह " H " शामिल कर दिया, जो मैं नहीं लिखता हूं।
अब इस गलत नाम से PAN कार्ड बनकर मेरे पास आ गया। इस एक H ने मेरा बाजा बजा दिया है। मैं किसी लोन के लिए अप्लाई करता हूं तो रिजेक्ट हो जाता है। आँनलाइन रिटर्न दाखिल करने में असुविधा होती है। बैंक में मेरे नाम और आयकर के PAN में नाम अलग अलग होने से तमाम Financial Process में मुश्किल हो रही है। आपको लग रहा होगा कि ये कौन सा मुश्किल काम है, इसे ठीक कराया जा सकता है। बिल्कुल सही कहा आपने, ये ठीक हो सकता है, लेकिन इसके लिए मैं हर संभव कोशिश कर चुका हूं, और कई बार इसकी फीस दे चुका हूं, पर मामला ज्यों का त्यों है। मेरे चार्टर्ड एकाउंटेंट ने मुझसे कहाकि आप अपने बैंक के डाक्यूमेंट्स दे दीजिए, नाम ठीक हो जाएगा। मैने दे दिए, आयकर अधिकारी इसे नहीं माना। कहा कि बैंक के कागजात मान्य नहीं हैं।
मुझसे हाईस्कूल का प्रमाण पत्र मांगा गया। मैने हाईस्कूल का प्रमाण पत्र दिया, लेकिन 1980 में मैने हाईस्कूल यूपी बोर्ड से किया है, उस वक्त प्रमाण पत्र पर नाम हिंदी में लिखे होते थे। इसलिए आयकर विभाग ने इस प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया। मैने इंटर मीडिएट का सर्टिफिकेट दिया तो कहाकि इंटरमीडिएट का सर्टिफिकेट मान्य नहीं है। कहा गया कि आप आप चुनाव आयोग के पहचान पत्र की फोटो कापी दीजिए। बिल्कुल सही, मैने अगले ही दिन चुनाव आयोग की कार्ड की फोटो कापी दे दी, लेकिन इसमें आप जानते ही हैं कि मतदाता सूची और इस निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र में पूरा नाम लिखने की जैसे परंपरा ही नहीं है। इसलिए इस पहचान पत्र में सिर्फ महेन्द्र कुमार ही लिखा है। यहां भी श्रीवास्तव नहीं है। बात ड्राईविंग लाइसेंस की हुई, मेरे पास ड्राईविंग लाइसेंस भी है। लेकिन ये लाइसेंस मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) का बना हुआ है, इसमें भी नाम हिंदी में है।
केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है आधार कार्ड। इस आधार कार्ड मे मेरा नाम हिंदी और अंग्रेजी में बिल्कुल स्पष्ट है। लेकिन आपको पता है, ये आधार कार्ड को आयकर विभाग की मान्यता ही नहीं है। सच बताऊं मैं अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट की कार्यप्रणाली और आयकर विभाग की इतनी जटिल प्रकिया से हार गया हूं। अब मुझे एक नया रास्ता बताया गया है। कहा जा रहा है कोई राजपत्रित अधिकारी आयकर विभाग के एक निर्धारित प्रपत्र पर ये लिखकर दे कि हां मैं Mahendra Kumar Srivastava को जानता हूं। इनके नाम के आगे Srivastava ही होना चाहिए। इस पर वो अधिकारी हस्ताक्षर करने के साथ ही अपने आई कार्ड का फोटो स्टेट भी देगा। बताइये मित्रों ! अब भला कोई अधिकारी मेरे लिए ऐसा क्यों करेगा ? लेकिन आप इसमें मेरी मदद करें तो मैं कृतज्ञ रहूंगा। अगर हमारे बीच कोई आयकर अधिकारी है तो प्लीज वो मेरी दिक्कत पर गौर फरमाएं।
सरकारी विभाग एक ही ढर्रे पर चलते हैं उनको किसी को हो रही परेशानी नहीं दिखती है !
ReplyDeleteसही कहा आपने
Deleteआभार
यही तो सरकारी विभाग की भर्रेशाही है कोई परेशानी को सुनने वाला नही,जाए भी तो कहां,,,,
ReplyDeleteRECENT POST : जिन्दगी.
बिल्कुल सही कह रहे हैं
Deleteक्या कहा जाए इस सिस्टम का।
पता नहीं कि ये सब ताम झाम आम जनता की सहूलियत के लिए है या लोगों को परेशां करने के लिए .... आपकी इस उत्कृष्ट रचना की प्रविष्टि कल रविवार ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in/ पर भी .. कृपया पधारें
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteजब मीडिया हार गया तो ....बाकि का खुदा मालिक !
ReplyDeleteआप को इस जंजाल से जल्द मुक्ति मिले
शुभकामनायें ...
बहुत बहुत आभार
Deleteबिल्कुल सही कहा.........
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteये समस्या मेरे साथ भी हुआ बेटी का पैनकार्ड में गलत स्पेलिंग अभी भी सही नहीं हो पाया है और बेटे का पासपोर्ट बनायीं... पुलिश वेरिफिकेशन इस तरह कर रही थी जैसे कोई अपराध किया हो.... ये तो हालत है हमारे सिस्टम का ...
ReplyDeleteजी , सही कह रही हैं।
Deleteऐसा आम बात है।