बलात्कार के मामले में भी केंद्र की सरकार नपुंसक.. ओह इस शब्द पर मेरे विद्वान मित्रों को ऐतराज हो सकता है, चलिए मैं पूछता हूं कि इस गंभीर मामले में भी सरकार मनमोहन सिंह क्यों बनी हुई है ? अच्छा मैं मनमोहन सिंह को तो लुजलुजा पीएम पहले से ही समझता रहा हूं, लेकिन वित्तमंत्री पी चिदंबरम को क्या हो गया है ? चिदंबरम तो गृहमंत्री भी रह चुके हैं और अब वित्तमंत्री हैं। उन्हें पता है ना कि कहां डंडा चलाया जाता है और कहां संवेदना व्यक्त की जाती है। सरकार, नेता, मंत्री सबकी आंखो में एक ही चश्मा क्यों होता है ? बलात्कार की खबर मिलते ही सबसे पहले सरकारी खजाना खोला जाता है और पीड़ित परिवार को रंग बिरंगे नोट में तौलने की कोशिश होती है।
मैं महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूं और इस सवाल का जवाब उन्हीं से जानना चाहता हूं। बताइये ! इस बलात्कार और उस बलात्कार में फर्क कैसे हो सकता है ? दिल्ली की बस में हुए बलात्कार का मुआवजा 20 लाख और डीडीए का फ्लैट और गांवो के खेत मे हुए बलात्कार का मुआवजा तो दूर रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अभी दिल्ली बलात्कार शिकार के परिवार वालों से पूछें कि उन्हें मुआवजा चाहिए या फिर बलात्कारियों को सख्त सजा। उनका जवाब नि:संदेह यही होगा कि वो बलात्कारियों को सख्त सजा चाहते हैं। लेकिन शीला की सरकार है और चुनाव आने वाले हैं तो इन्हें लगता है कि इतना मुआवजा दे दो कि लोग बलात्कार की घटना भूल जाएं और सरकार की रहम यानि भीख को याद रखें।
मैडम सोनिया जी अगर वित्तमंत्री ने आम बजट में निर्भया फंड का ऐलान ना किया होता सिर्फ आपने संसद को ये विश्वास दिलाया होता कि निर्भया बलात्कार के दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी और बेटी निर्भया के नाम पर फंड बनाने के बजाए कानून बनाया होता तो शायद देश की महिलाएं आपको ज्यादा सम्मान की नजर से देखतीं। लेकिन आप और आपकी सरकार को सजा में नहीं मुआवजे पर ज्यादा भरोसा है। थू........
आने वाले समय में मुझे लगता है की बजट में एक फण्ड की शुवत होगी नाम को बलात्कार मुआवजा| जिसमे साल भर कितनो को पैसे देने है जो बलात्कार के शिकार बने है| इसका भी एक बजट बनेगा | सुरक्षा तो देने से रही सरकार मुआवजा ही दे सकती है |
ReplyDeleteभाई आने वाले समय की दुहाई क्यों दे रहे हैं, शुरुआत तो हो ही गई है। निर्भया फंड यही तो है। बलात्कार या अन्य उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को मुआवजा। मैं मुआवजे का विरोधी नहीं, पर मैं पहले आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता हूं....
Deleteबहुत खूब सवाल उठाया आपने | ऐसी ज़न्खी सरकार को तो उठा कर जड़ समेत देश के बहार फ़ेंक देना चाहियें | वहीँ शीला और सोनिया जैसी औरतें अगर देश की राजनीति में होंगी तो देश का बंटाधार निश्चित है |
ReplyDeleteगौर करने लायक लेख लिखा आपने | आभार
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
शुक्रिया भाई तुषार
Deleteजनता इन्साफ की तलबगार है
ReplyDeleteसरकार लाचार नही बीमार है ......???
सर, सरकार को कोसने के लिए अब तो शब्द भी कम पड गए हैं...
Deletesarkar lachar,bimar aur bekar hai
ReplyDeleteजी ये तो है...
Deleteहम भी सज़ा देने के हक में ही है .....
ReplyDeleteजी आभार
Deleteबहुत जोश है आपकी कलम में
ReplyDeleteइसे बनाये रखें .....!!
जी बहुत बहुत आभार
Delete