Thursday, May 23, 2013

... तो समझ लें दाल में कुछ काला है !

आईपीएल पर बहुत बात हो रही है। कहा जा रहा है कि देखने में तो ऐसा लग रहा है कि ये  खेल मैदान में हो रहा है और मैंच का फैसला मैदान में अंपायर करता है। लेकिन दिल्ली और मुंबई पुलिस के अब तक जो सबूत हाथ लगे हैं, उससे इतना तय हो गया है कि मैदान पर जो खेल हो रहा था, वो दर्शकों की आंख में धूल झोंकने वाला था, दरअसल खेले जा रहे मैंच का ब्लूप्रिंट पहले ही किसी पांच सितारा होटल में तय चुका होता था। अंपायर की उंगली महज एक खानापूरी भर थी, क्योंकि असली अंपायर तो सात समुंदर पार बैठकर आईपीएल के कर्ताधर्ताओं, बीसीसीआई, टीमों की फ्रैंचाइजी और खिलाड़ियों को अपनी उंगली पर नचा रहा था। वैसे तो अभी पुलिस के हत्थे छोटे मोटे खिलाड़ी ही लगे हैं। लेकिन जिस तरह से एक एक कर तार जुड़ रहे हैं, उससे तो लगता है कि आईपीएल के पीछे एक बहुत संगठित गिरोह काम कर रहा है। बिंदुदारा सिंह के साथ भारतीय टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी ने एक साथ बैठ कर मैच क्या देख लिया, लोग उसकी भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं। चूंकि उंगली उठी है तो साक्षी को खुद पुलिस के सामने आकर अपनी जांच करने को कहना चाहिए, जिससे धोनी पर उंगली ना उठे। 

हालांकि देश की पुलिस छवि बहुत ज्यादा खराब है, इसलिए हम आसानी से उनकी बातों पर भरोसा नहीं होता है। अब एक ओर ये भी कहा जा रहा है कि आईपीएल के इस पूरे गोरखधंधे में पुलिस भी कहीं ना कहीं हिस्सेदार रही है। ऐसा नहीं हो सकता कि इतने बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी हो और पुलिस को इसकी भनक ना लगे। चर्चा हो रही है कि इधर दिल्ली पुलिस पर तमाम उंगली उठ रही थी, दिल्ली में बलात्कार की घटना के बाद तो लोगों का गुस्सा उबाल पर था। यहां आम आदमी से लेकर नेता तक पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा मांग रहे थे। कहा जा रहा है कि पुलिस ने जनता का ध्यान हटाने के लिए इसी वक्त इस मामले का खुलासा कर दिया। दिल्ली ने अपने इलाके के बजाए मुंबई जाकर वहां से खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया। अब हालत ये है कि रोजाना नए नए खुलासे हो रहे हैं।

सट्टेबाजी में अब तक आईपीएल के खिलाड़ी, फ्रैंचाइजी, अभिनेता, अभिनेत्री, पूर्व क्रिकेटर, अंपायर, कमेंट्रेटर  के साथ ही अब बीसीसीआई चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों तक पुलिस के हाथ पहुंच गए हैं। सट्टेबाजी के मामले में किसी तरह की कार्रवाई करने से जिस तरह से बीसीसीआई खुद को अलग कर रही है, उससे उसकी भूमिका पर उंगली उठना स्वाभाविक है। हम सब जानते हैं कि " बाँडी लंग्वेज " से बहुत कुछ जवाब मिल जाता है। अब आज की बात ले लीजिए, आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला से  बीसीसीआई चेयरमैन श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन से होने वाली पूछताछ के मामले में पत्रकार मित्र सवाल तो हिंदी में कर  रहे थे, लेकिन शुक्ला जी जवाब अंग्रेजी में दे रहे हैं। " बाँडी लंग्वेज " पढ़ने वाले बताते हैं कि हिंदी भाषी इलाके का कोई व्यक्ति तो अंग्रेजी से ज्यादा बेहतर हिंदी बोलता है, अगर वो जब हिंदी के सवाल का अंग्रेजी में जवाब दे तो समझा जाना चाहिए कि दाल मे कुछ काला जरूर है। पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी कहते रहे हैं कि राजीव शुक्ला कुछ नहीं बस  श्रीनिवासन के तोता हैं, ये मामला अब दिखने भी लगा है। आगे आगे देखिए क्या होता है।  



25 comments:

  1. दाल में काला कुछ जरुर है .....
    लेकिन शुक्ला जी जवाब अंग्रेजी में दे रहे हैं। " बाँडी लंग्वेज "
    सही पकड़ा है आप ने महेंद्र जी :-))))

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  2. आईपीएल के साथ ये तो होना ही था क्योंकि अगर बीसीसीआई का मकसद केवल क्रिकेट ही होता तो वो कभी भी आईसीएल खेलनें वाले खिलाड़ियों पर शिकंजा नहीं कसती ! दरअसल पूरा का पूरा खेल तो पैसे को लेकर ही है !!

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  3. क्रिकट में सट्टेबाजी तो शुरू से होती आयी है ...और IPL तो शुरू से विवादों एक घेरे में रहा है ......बस इस बार खुल कर सब कुछ सामने आ गया है

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  4. समझना क्या!!!यहाँ तो पूरी दाल ही काली है ,,

    Recent post: जनता सबक सिखायेगी...

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  5. इसी की कसर बाकी थी..
    शुभकामनायें आपको !

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  6. दाल में बहुत कुछ काला है... जब बीसीसीआई के चेयरमेन के दामाद ही शामिल है... तो क्या कहा जा सकता है.

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  7. दाल के कालेपन पर आपकी लेखनी .... सशक्‍तता के साथ चली है
    आभार

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  8. .पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है आपने . .आभार . कुपोषण और आमिर खान -बाँट रहे अधूरा ज्ञान साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

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  9. आपकी यह रचना कल रविवार (26 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.

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  10. फाइनल का एसएम्एस भी तैयार है और इक्कीस तारीख को ही मिल गया है चेनल को
    कौन--कौन फाइनल खेलेगा औए जीत किसे मिलेगी ..............
    शर्मनाक है सब कुछ

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  11. सटीक और सामयिक लेख

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