Tuesday, November 22, 2011

अन्ना का तालिबानी फरमान...

शराब  पीना  ठीक नहीं है, मुझे लगता है कि इस बात से किसी को एतराज नहीं होगा। लेकिन शराब पीने वालों को खंभॆ सॆ बांधकर सार्वजनिक रूप से कोड़ा मारने की बात का समर्थन कुछ गिने चुने वे ही लोग कर सकते हैं जो तालिबानी  तौर तरीकों  के हिमायती हैं।

पता नहीं क्यों लगने लगा है कि अब अन्ना पर उनकी उम्र का असर दिखाई देने लगा है । वो अक्सर अपनी बात कानून के दायरे में रहकर नहीं कर रहे, कुछ भी कह रहे हैं, हर मामले में राय दे रहे हैं । फौज की नौकरी के दौरान खुद शराब पीने वाले अन्ना इस आदत को छुड़ाने के लिए जो तरीका अपनाने की बात कर रहे हैं, वो देश में आराजकता फैलाने वाला है ।  मैं कई बार सोचता हूं कि सिर पर गांधी टोपी रखने वाले अन्ना कहीं इस  टोपी की भी छीछालेदर ना कर दें। लोग उनमें गांधी को  देखते हैं और अन्ना  हैं कि गांधी जैसा व्यवहार करने को तैयार ही नहीं  है । हालाकि मुझे लगता है कि अन्ना का कम पढा लिखा  होना इसकी मुख्य वजह है।

अच्छा ! अन्ना  तो फिर अन्ना है. उनकी टीम माशाअल्लाह दो कदम और आगे हैं । देख रहा हूं कि उनकी  टीम को जैसे मुंह का बावासीर है,  ये पूरे दिन  टीवी चैनलों के चक्कर  काट रही है, हालाकि  अब इन्हें भी जनता के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।  दो दिन पहले एक  खबरिया चैनल पर जब ये टीम आई तो जनता ने किरन बेदी से सवाल दागा कि आप भी इमानदार नहीं रहीं, आपने हवाई जहाज के किराए मे हेराफेरी की, अब उसे वापस करने की बात कह रही हैं ।  मुझे लगता  है कि आपको इतनी ही हेराफेरी करने का मौका मिला और आप उस लालच में आ गईं। किरन ने वही जवाब दिया जो आमतौर पर सफाई मे देती आ रही हैं । जनता ने प्रशांत को निशाना बनाया तो अरविंद केजरीवाल बोल पड़े ऐसी चर्चा करके आप ( टीवी) अपना समय खराब कर रहे हैं । अरे भाई आप टीवी पर जनता के सामने हैं तो जनता के सवालों का जवाब तो देना  होगा ना ।

बहरहाल अन्ना को देश प्यार करता है, उनको समर्थन दे रहा है, लेकिन अन्ना जनता के समर्थन को अधिकार समझने  की भूल  कर रहे हैं । अन्ना जी रामलीला मैदान भूल गए, जहां रोज रात को लोग शराब पीकर हंगामा करते रहे।  खुद आप और आपकी टीम सुबह मंच से लोगों से आग्रह करती थी कि  कृपया शराब पीकर हंगामा ना करें । सच बताऊं अन्ना जी अगर रामलीला मैदान में शराब पीने की मनाही हो जाती  ना तो जो भीड़ पूरी रात वहां  जमीं रहती थी, वो आधी हो जाती । आंदोलन को कामयाब बनाने में इसका भी योगदान है।

2 comments:

  1. ऐसा प्रतीत होता है कि अन्ना के गाँव में हुए कार्य के संदर्भ में बात हुई है. अन्ना के गाँव की कई विशेषताएँ हैं. वहाँ हर लड़की के लिए मोटर साइकिल चलाना सीखना और तैरना सीखना आवश्यक है. और भी बहुत कुछ है. मीडिया में हुई रिपोर्टिंग आँशिक है, ऐसा संदेह होता है. अलबत्ता अन्ना को यह समझना होगा कि पियक्कड़ों के देश में कितने थप्पड़ चलाए जा सकते हैं :))

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  2. अच्‍छे उद्देश्‍य को लेकर टीम अन्‍ना की ओर से किए गए आंदोलन को देश का बडा समर्थन मिला... लेकिन अब टीम की हरकतों और बयानबाजियों से लगता है कि उन लोगों ने देश के समर्थन को अपनी जागीर समझ रखी है.... जनता जिसे सिर आंखों पर बिठा सकती है उसे गिराने में भी वक्‍त नहीं लगता और इस बात को अन्‍ना और उनके साथियों को समझनी चाहिए.....
    शराब पीना बुरी बात है..... पर यह भी सच है कि तमाम बुराईयों के बाद भी देश के तकरीबन ज्‍यादातर राज्‍यों के राजस्‍व का बडा हिस्‍सा शराब से ही आता है..... फिर अन्‍ना का यह फरमान.... आपने सही कहा, तालिबानी रवैया है यह।

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