Wednesday, November 30, 2011

दोस्तों ! प्लीज हेल्प मी...

आमतौर पर मैं अपने फैसले लेने में सक्षम में हूं। ऐसा मसला जो सीधे मुझसे या मेरे परिवार से जुड़ा है, उस मामले में मैं कोशिश करता हूं कि अपनी राय पर कायम रहूं। व्यक्तिगत मामलों में मित्रों से राय मांगकर उन्हें परेशान करना कभी मेरी आदत नहीं रही है, लेकिन इस बार मैं बहुत उलझन में हूं, सच में मुझे इस वक्त आपकी सलाह ही मुश्किल से उबार सकती है।

कुछ दिन पहले मैं आस्था चैनल पर श्रीमद् भागवत की कथा सुन रहा था, उस दौरान स्वामी जी ने एक प्रसंग सुनाया और कहा कि मैं देखता हूं कि लोग व्यक्तिगत मामलों में भी दूसरों की सलाह लेते हैं। ये निशानी है कमजोर और अस्थिर दिमाग के लोगों की। स्वामी जी की सलाह थी कि अपने फैसले खुद लें, वो अच्छा हो या खराब । अगर आपने गलत फैसला ले भी लिया तो अगली बार ऐसी गल्ती नहीं करेंगे । जान लीजिए कभी भी अपना रिमोट दूसरों के हाथ में नहीं देना चाहिए, अपना रिमोट अपने ही हाथ में रखना चाहिए। ये जीवन की वो सच्चाई है जो लोगों को तब समझ में आती है, जब वो धोखा खा लेते हैं।
ये सब बातें जानते हुए भी अगर मैं यहां सार्वजनिक रूप से आप सब से सलाह मांग रहा हूं तो मित्रों आप मेरी उलझन और परेशानी से को समझ रहे होंगे। मुझे पूरा भरोसा है कि आप ऐसी सलाह देगें, जिससे मैं मुश्किल से तो निकल ही सकूंगा, हमारे घर की गाड़ी भी आसानी से चलती रहेगी।

दरअसल केंद्र सरकार के अहम फैसले से मेरे घर का बजट सरप्लस हो गया है। यानि बचत पहले के मुकाबले ज्यादा होने लगी है। सरकार ने पहले पेट्रोल का दाम बढाया तो मैने कुछ और जरूरी मदों में कटौती कर पेट्रोल का खर्च पूरा कर लिया था। अब सरकार ने पहले दो रुपये प्रति लीटर पेट्रोल के दाम कम कर दिए तो बचत होने लगी। कार से आफिस जाने और आने में रोजाना तीन लीटर पेट्रोल का खर्च है। यानि रोज की बचत 6 रुपये महीना 120 रुपये बच रहे हैं। अब एक और अच्छी सूचना मिल रही है। दो एक दिन में ही पेट्रोल की कीमत एक रुपये और कम होने वाली है। ऐसे में अब मेरी बचत रोजाना नौ रुपये, महीने 270 रुपये और साल के 3240 रुपये हो जाएगी।

मित्रों मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि बचत के इस रकम को कहां और कैसे इस्तेमाल करुं। पहले सोचा कि दुबई के बुर्ज खलीफा में एक पांच बीएचके का फ्लैट ले लूं, फिर लगा कि क्यों दूसरे देश में इन्वेस्ट करुं, अपने यहां मुंबई के ही एंबीवैली में एक फ्लैट ले लेता हूं। घर में चर्चा हो रही थी बच्चों ने कहा कि पापा आप हमेसा शहर की ओर देखते हैं पहाड़ पर क्यों नहीं एक मकान ले लेते हैं, वहां कितना अच्छा मौसम रहता है। अब ये ऐसा मसला है कि हम सब कई दिन से उलझे हुए हैं कि बचत के इन पैसों का क्या करें, अगर हो सके तो प्लीज रास्ता बताएं।  

8 comments:

  1. हा हा हा हा हा हा हा हा ....सही है सर जी ...आड़े हाथो लिया है आपने सरकार के इस फैंसले को .......अच्छा मजाक है पहले दाम बड़ा दो ...और बवाल मचने पर दाम कर दो ...ताकि सरकार का दबदबा बना रहे .......ऐसे ही लिखते रहे ...और सच सामने लाते रहे

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  2. मेरे साथ घूमने चला कीजिए, कम से कम दो-तीन घुमक्कडी हो जायेगी इस बचत में, हा-हा-हा

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  3. अपने रिमोट से तो सरकार का कबाड़ा कर ही दिया .... हहाहाहा , चौकलेट ले लेना है

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  4. मैंने सुना है, मुकेश अंबानी मुंबई में बनाए अपने हालिया 27 मंजिला आशियाना को बेचना चाहते हैं, क्‍यों न उसे खरीद लिया जाए..... पेट्रोल के दामों में कमी से कुछ रकम तो मेरी भी बचेगी..... चलिए पार्टनरशिप में ही ले लेते हैं उसे।

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  5. प्रणव जैसे महापंडित और महामना की माने तो मँहगाई मार्च तक कम हो जाएगी. (यह कुछ कविता सी हो गई है). मार्च के बाद क्या होगा उसके बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं आई है. संदीप का सुझाव अच्छा है.
    इस बचत से आपका चैन खो गया है. मेरा सुझाव है कि आप 3240 रुपए किसी स्वामी को सौंप दें ताकि वह आनंद से सो सके और आपको चैन मिले :))

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  6. Ha ha... very good Mahendraji. Keep it up.
    www.rajnishonline.blogspot.com

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  7. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! चर्चा में शामिल होकर चर्चा मंच को समृध्‍द बनाएं....

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  8. बुर्ज़ खलीफा का आइडिया अच्छा लगा ...

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