आज देश ने वो हीरा खो दिया, जिसकी भरपाई बिल्कुल आसान नहीं है । लगता है ये गाना उन पर सिर्फ फिल्माया ही नहीं गया है, बल्कि ये कहें के उनके लिए ही लिखा गया था तो बिल्कुल गलत नहीं होगा । क्योंकि हकीकत भी यही है कि " वो जिंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया। "
जी हां हम बात कर रहे हैं हर दिल अजीज, सदाबहार हीरो धर्मदेव आनंद उर्फ देवानंद की। 1923 में जन्मे देवानंद ने कल 3 दिसंबर 11 को अंतिम सांस ली। देवानंद साहब ने 100 से ज्यादा फिल्मों में किरदार निभाया और उन्होंने अपने किरदार से दुनिया भर के लोगों के दिलो पर राज किया। सच कहूं तो उनके जाने से एक युग का अंत हो गया।
देवानंद बनने के लिए आज के आज के हीरो को " लेना होगा जनम उन्हें कई कई बार..। " मित्रों ज्यादा कुछ देवानंद के बारे में लिख पाना मेरे लिए संभव नहीं हो पा रहा है, क्योंकि लेपटाप पर उंगलियां साथ नहीं दे रही हैं। लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि सदाबहार, हर दिल अजीज, जिंदा दिल ये सब कुछ ऐसे शब्द हैं जो अब निरर्थक से हो गए हैं । दादा साहब फाल्के, फिल्म फेयर, पद्म भूषण जैसे तमाम सम्मान उन्हें मिल चुका था। लेकिन मेरा मानना है कि कुछ ऐसी शख्सियत होती हैं, जिन्हें पुरस्कार दिए जाऩे से इन पुरस्कारों का मान बढता है। देवानंद ऐसी शख्सियतों में शुभार थे।
मैं तो मित्रों बस यहीं कहूंगा कि " अभी ना जाओ छोड़कर... कि दिल अभी भरा नहीं.. । मैं श्रद्धा से उन्हें नमन करता हूं, मैं कोशिश करुंगा कि मेरी ओर से भी एक फूल उनकी अर्थी तक पहुंच जाए, यही मेरी ओर से उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
May Dev Sahab's soul rest in peace. I have posted one photograph of his with IBN7 hot seat team on my blog. RIP Dev Sahab.
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अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं...
ReplyDeleteइस महान हस्ती को दिल से नमन और श्रधा सुमन अर्पित है ! इस जगह को भरपना आज में दम नहीं ! श्रधांजलि
ReplyDeleteश्रध्दासुमन देव साहब को।
ReplyDeleteवहां कौन है तेरा, मुसाफिर... जाएगा कहां..
ReplyDeleteभावपूर्ण श्रदांजलि
ReplyDeletebhavpoorn shrdhanjali...
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