मुझे फिल्म निर्माता रामगोपाल वर्मा को मौत का सौदागर कहने में कोई हिचक नहीं है। इसकी ठोस वजह भी है। मुंबई ताज होटल में घुस कर जब आतंकवादी बेगुनाहों की हत्या कर रहे और पूरा देश न्यूज चैनल के सामने बैठ कर आंसू बहा रहा था, उस समय देख का एक शख्श इस पूरे घटनाक्रम पर बहुत उत्साहित था। वो इस हादसे में अपने फिल्म की कहानी तलाश रहा था। उसे लग रहा था कि ये तो सुपर हिट फिल्म की स्टोरी है।
इस हादसे की हर बारीकियों को वो फिल्म में शामिल करना चाहते थेे, लिहाजा उनकी कोशिश थी कि कैसे जलते हुए ताज होटल तक पहुंचा जाए। आपको पता होना चाहिए कि जब ऐसी बड़ी घटना होती है तो वहां आम आदमी के प्रवेश को रोक दिया जाता है, क्योंकि ये अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मामला था, और सभी तरह के सुराग होटल से लेने थे, इसकी वजह से पूरा होटल परिसर को लगभग सील कर दिया गया था, क्योंकि इसमें सिर्फ देश की टीम को जांच नहीं करना था, बल्कि भारत ने अमेरिका और इज़राइल से भी जांच में सहयोग मांगा था। ऐसे में राम गोपाल वर्मा को लगा कि उनका होटल तक पहुंचना मुश्किल है। लिहाजा उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख और उनके पुत्र रितेश के साथ वहां पहुंच गए।
उस दौरान भी पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया था, लोगों ने कहा कि देश गमगीन है और रामू फिल्म बनाने के लिेए मौके का मुआयना कर रहे हैं। तब रामू ने सफाई दी थी कि न अभी उन्होंने इस पर फिल्म बनाने की सोची है और ना ही भविष्य मे बनाएंगे। लेकिन ये फिल्मों की दुनिया है, बाहर से राम दिखाई देती हैं पर हैं रावण। अब रामू ने खुद साफ कर दिया है कि वो इस पर फिल्म बना रहे हैं। जब फिल्म बना ही रहे हो तो नेता के बेटे रितेश को भी ओबलाइज कर दो, उसी के जरिए तो वहां पहुंचे थे रामू काका.....।
तस्वीर:- गुगल और न्यूज 24 से साभार
It shows the insensitivity of Ram Gopal Varma...
ReplyDeletewww.rajnishonline.blogspot.com
लोग किस्म किस्म के - कैसे कैसे !
ReplyDeleteउस वक्त ही रामू के जेहन में आ गया होगा, एक धांसू फिल्म का आईडिया..... अब अगर वो कसाब को फिल्म में लेने का प्रयास करने लगे तो भी अटपटा नहीं लगना चाहिए, क्योंकि आपने उन्हें सही नाम दे दिया है, मौत के सौदागर......
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